Dr. B.R Ambedkar | Museum | Memorial | Pune | अंबेडकर म्यूजियम पुणे |Belongings|BhimRao| Babasaheb

Dr. B.R Ambedkar | Museum | Memorial | Pune | अंबेडकर म्यूजियम पुणे |Belongings|BhimRao| Babasaheb

https://www.symbiosis-ambedkarmemorial.org/

पुणे. डाॅ. बाबासाहेब अंबेडकर का 6 दिसंबर को महा परिनिर्वाण  पूरे देशभर में मनाया गया मुंबई के चैत्यभूमि पर उन्हें अभिवादन करने के लिए लाखों लोगों की भीड़ उमड़ी।  भारत के संविधान (कांस्टीट्यूशन) को तैयार करने में डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अहम भूमिका निभाई थी। उन्हें ‘संविधान का निर्माता’ भी कहा जाता है। पुणे में एक एेसी जगह है जहां बाबासाहब की पर्सनल चीजें आज भी हमें देखने को मिलती है। उनकी पत्नी माई अंबेडकर ने बाबासाहेब के जूते से लेकर पुरस्कारों तक सारी  चीजें  यहां दान दी थी। हां हम बात कर रहे हैं पुणे के सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी के डाॅ. अंबेडकर म्यूजियम की। क्या खास है इस म्यूजियम में....

पुणे. डाॅ. बाबासाहेब अंबेडकर का 6 दिसंबर को महा परिनिर्वाण  पूरे देशभर में मनाया गया मुंबई के चैत्यभूमि पर उन्हें अभिवादन करने के लिए लाखों लोगों की भीड़ उमड़ी।  भारत के संविधान (कांस्टीट्यूशन) को तैयार करने में डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अहम भूमिका निभाई थी। उन्हें ‘संविधान का निर्माता’ भी कहा जाता है। पुणे में एक एेसी जगह है जहां बाबासाहब की पर्सनल चीजें आज भी हमें देखने को मिलती है। उनकी पत्नी माई अंबेडकर ने बाबासाहेब के जूते से लेकर पुरस्कारों तक सारी  चीजें  यहां दान दी थी। हां हम बात कर रहे हैं पुणे के सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी के डाॅ. अंबेडकर म्यूजियम की। क्या खास है इस म्यूजियम में....

 

 


-म्यूजियम की डायरेक्टर डाॅ. संजीवनी मुजूमदार ने बताया कि इस म्यूजियम का उद्घाटन तत्कालीन उपराष्ट्रपति के आर नारायणन के हाथों  26 नवंबर 1996 में किया गया था।
इस म्यूजियम में बाबासाहब की 280 पर्सनल चीजें 190 तस्वीरें और 490 किताबें और पांडुलिपियां रखी गई है। 
-बाबासाहब की दूसरी पत्नी माई आंबेडकर ने यह उनकी सारी पर्सनल चीजें म्यूजियम को दान में दी है।
इसमें उनके पवित्र अस्थिकलश, उन्होंने जिस पर अंतिम सांस ली वह बिछाना, और जिसपर बैठकर भारत का संविधान लिखा व टेबल कुर्सी तथा भारत रत्न पदक आदि शामिल हैं।

- राइटर आॅफ कैंपस के रविकिरण साने ने बताया कि सिम्बायोसिस 80 से ज्यादा देशों से स्टूडेंट्स पढ़ाई के लिए आते हैं। उन्हें अपने अपने महापुरुषों के बारे में पता हो है लेकिन डाॅ. अंबेडकर के बारे में जानकारी कम होती है।
-विदेशी स्टूडेंट्स के साथ देश के लोगों को डाॅ. बाबासाहेब अंबेडकर के बारे में पूरी जानकारी मिलने के लिए यह म्यूजियम खोला गया है।
-वहीं यहां पर स्टूडेंट्स के लिए लाइब्रेरी चलाई जाती है जिसका लाभ 800 स्टूडेंट्स ले रहे हैं। उनके लिए पांच हजार किताबें भी उपलब्ध कराई गई है।

 


पुणे में अंबेडकर और गांधी के बीच समझौता 

 

-महात्मा गांधी और डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर के बीच पुणे की यरवदा सेंट्रल जेल में 26 सितम्बर, 1932 को एक समझौता हुआ था।
-अंग्रेज सरकार ने इस समझौते को सांप्रदायिक अधिनिर्णय (कम्युनल एवार्ड) में संशोधन के रूप में अनुमति प्रदान की।
-समझौते में दलित वर्ग के लिए अलग निर्वाचन मंडल को त्याग दिया गया लेकिन दलित वर्ग के लिए आरक्षित सीटों की संख्या प्रांतीय विधान मंडलों में 71 से बढ़ाकर 147 और केन्द्रीय विधायिका में कुल सीटों की 18% कर दीं गयीं।
24 सितम्बर 1932 को साय पांच बजे यरवदा जेल पूना में गांधी और डा. अंबेडकर के बीच समझौता हुआ, जो बाद में पूना पैक्ट के नाम से मशहूर हुआ। 
-इसमें अछूत लोगों के लिए प्रत्येक प्रांत में शिक्षा अनुदान में पर्याप्त राशि नियत करवाई और सरकारी नौकरियों से बिना किसी भेदभाव के दलित वर्ग के लोगों की भर्ती को सुनिश्चित किया। 
-कहा जाता है कि पूना पैक्ट आरक्षण का जनक बना। इस समझौते (पूना पैक्ट) पर हस्ताक्षर करके बाबा साहब ने गांधी को जीवनदान दिया।

 


बाबासाहब का एेसे हुआ था निधन 

 

-1948 से अंबेडकर को डायबिटीज की बीमारी थी। जून से अक्टूबर 1954 तक वे काफी बीमार रहे। इस दौरान वे कमजोर होते नजर से परेशान थे।
- सियासी मुद्दों से परेशान अंबेडकर की सेहत बद-से-बदतर होती चली गई और 1955 के दौरान किए गए लगातार काम ने उन्हें तोड़कर रख दिया और 06 दिसंबर, 1956 को उनका निधन हुआ।

 


पत्नी का लंबी बीमारी से हुआ था निधन 

 

-अंबेडकर के निधन के बाद उनके परिवार मे उनकी दूसरी पत्नी सविता अम्बेडकर रह गईं थीं। वे जन्म से ब्राह्मण थीं, लेकिन उनके साथ ही वे भी धर्म बदलकर बौद्ध बन गईं थीं। शादी से पहले उनकी पत्नी का नाम शारदा कबीर था। 
-उनका मुंबई के जे. जे हॉस्पिटल में 29 मई 2003 को लंबी बीमारी के चलते उम्र के 94 साल में निधन हुआ। 

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