राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने आईपीएस अफसरों से ये क्यों कहा कि अगली लड़ाई नागरिक समाज से होगी? वे नागरिकों को शक़ के दायरे में क्यों खड़ा कर रहे हैं? क्या वे सरकार का विरोध करने वाले नागरिक आंदोलनों को कुचलने के लिए पुलिस अधिकारियों को तैयार कर रहे हैं? कहीं उनकी ये कोशिश पूरे देश को लोकतंत्र के बजाय पुलिस-राज में तब्दील नहीं कर देगी? डॉ. मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-वी.एन. राय, एन. के. सिंह, अपूर्वानंद, तीस्ता सीतलवाड़-
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